आधुनिक विज्ञान के सामने यह साबित हो रहा है की यह सारा अस्तित्व पलभर है। जहां कम्पन होता है वहां ध्वनि होती है। इसलिए यह सारा अस्तित्व एक ध्वनि है। ध्वनियों के इस जटिल संगम की मूल ध्वनि है अ …
साधनपाद में योग के पांच बहिरंग साधन यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार बतलाये गए थे। इस पाद में उसके अन्तरङ्ग धारणा , ध्यान, समाधि का निरूपण करते हैं। इन तीनों को मिलकर संयम कहा जाता है। वह ध्यान ही समाधि …
स्वामी विवेकानन्द के अनुसार धारणा का अर्थ है मन को देह के भीतर या उसके बाहर किसी स्थान में धारण या स्थापन करना। अपने मन को अपनी इच्छा से अपने ही शरीर के अन्दर किसी एक स्थान में बांधने, रोकने …