स्थूल-शरीर और मनोमय शरीर की विशेषता |
श्री वशिष्ठ जी कहते हैं- रघुनन्दन! इस संसार में ब्रह्मा से लेकर स्थावर/स्थायी पर्यन्त सभी जाति के प्राणियों के सदा दो-दो शरीर होते हैं। एक तो मनोमय शरीर होता है,… |
|
|
|
हमारे जीवन की प्रक्रिया कैसी है |
जीवन (अंग्रेजी: Life) अर्थात हमारे जन्म से मृत्यु के बीच की कालावधि ही जीवन कहलाती है, जो की हमें ईश्वर द्वारा दिया गया एक वरदान है। लेकिन हमारा जन्म क्या… |
|
|
|
हमारा कर्म, धैर्य, बुद्धि और खुशी ही हमारे सुख दुःख का कारण है |
सभी मनुष्यों की श्रद्धा उनके मन की प्रकृति के अनुरूप होती है। सभी लोगों में श्रद्धा होती है चाहे उनकी श्रद्धी की प्रकृति कैसी भी हो। यह वैसी होती है… |
|
|
|
अपने पूजा, सधना, यज्ञ, तप, त्याग, दान, ज्ञान और भोजन से प्रकृति के सत्व-रजस्-तमस गुण को समझ सकते हैं। |
प्रकृति में त्रिविध गुण के प्रभाव को आपके द्वारा किए जाने वाले पूजा, सधना, यज्ञ, तप, त्याग, दान, ज्ञान और भोजन आदि में विविधता को समझ सकते हैं और इसका… |
|
|
|
| |