1985 में, सुखी सिंह जी को भारतीय व्यंजनों की समृद्धि और विविधता को साझा करने और फिर संयुक्त राज्य अमेरिका में भोजन प्रेमियों तक पहुंचने की तीव्र इच्छा थी। उन्होंने भारत के प्रामाणिक स्वाद को अमेरिकी टेबलों पर लाने के मिशन पर काम शुरू किया। अपने पाक कौशल, जुनून और सफलता के दृष्टिकोण के साथ, सुखी सिंह जी ने जीवन बदलने वाली यात्रा शुरू की।
आज, सुखी जी का भारतीय व्यंजन उनके अटूट समर्पण और कलात्मक पाक कला का प्रमाण है। अपनी स्वादिष्ट रचनाओं के माध्यम से, सुखी जी ने न केवल स्वाद को स्वादिष्ट और आकर्षक बनाया है, बल्कि भोजन की भाषा को एक सार्वभौमिक माध्यम बनाकर भारतीय संस्कृतियों को भी जोड़ा है और लोगों को एक साथ लाया है।
24th अप्रैल को सुखी मेम ने मनोविकास में विजिट किया | वही उन्होंने मनोल्या प्रोजेक्ट को काफी बारिकी से समझा साथ ही मनोल्या के सभी बच्चों से मुलकात भी की और आश्वासन भी दिया की निकट भविष्य में वो इनके लिए कुछ अच्छा करेंगी | सुखी मेम के वेलकम के लिए हमारे मनोल्या के बच्चों ने बहुत ही अच्छा परफॉर्मन्स किया |