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अफ्शा की प्रेरणादायक यात्रा
अफ्शा का उत्साह और समर्पण शुचिता छात्रवृत्ति की सहायता से उसे सफलता की ओर अग्रसर कर रहा है। वह निरंतर प्रगति कर रही हैं और अपनी पढ़ाई को लेकर बहुत खुश और सक्रिय हैं। अफ्शा की माँ का समर्थन उनकी सफलता का अहम कारण है और यह सिद्ध करता है कि सही मार्गदर्शन और समर्थन से कोई भी चुनौती आसान हो सकती है। आज वह ओपन बेसिक एजुकेशन के लेवल-C (8वीं कक्षा) में हैं, जहां वह हिंदी में छोटे-छोटे वाक्य पढ़ने की क्षमता प्राप्त कर चुकी हैं। गणित में भी उनकी पकड़ मजबूत है, और वह जोड़, घटाव और गुणा कर पाती हैं। अफ्शा आर्ट एंड क्राफ्ट, को-क्यूरीकुलर एक्टिविटीज और डांस जैसी गतिविधियों में भी भाग लेती हैं।
हालाँकि अफ्शा को जन्म से मेडिकल समस्या का सामना करना पड़ा है, जिसके कारण वह यूरिन कण्ट्रोल नहीं कर पातीं, लेकिन वह कभी हार नहीं मानती। उनकी माँ ने सदैव उनका साथ दिया और उनकी समस्याओं का समाधान सरल तरीके से किया। डॉक्टरों ने अफ्शा को ज्यादा चलने-फिरने से मना किया है, जिससे वह स्कूल जाने में असमर्थ हैं। इसके बावजूद, शुचिता प्रोजेक्ट के माध्यम से अफ्शा के लिए होम बेस्ड एजुकेशन और ट्रेनिंग का इंतजाम किया गया। एक टीचर को उसके घर भेजकर उसे प्रतिदिन पढ़ाया जाता है, जिससे उसकी शिक्षा में कोई रुकावट नहीं आती।
शुचिता प्रोजेक्ट का उद्देश्य न केवल शिक्षा प्रदान करना है, बल्कि ऐसे लड़कियों के लिए एक मजबूत समर्थन प्रणाली बनाना है जो विशेष आवश्यकताओं के साथ जीवन जी रहे हैं। अफ्शा की यह प्रेरणादायक यात्रा उन सभी के लिए एक मिसाल है।