साधनपाद में योग के पांच बहिरंग साधन यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार बतलाये गए थे। इस पाद में उसके अन्तरङ्ग धारणा , ध्यान, समाधि का निरूपण करते हैं। इन तीनों को मिलकर संयम कहा जाता है। वह ध्यान ही समाधि …
स्वामी विवेकानन्द के अनुसार धारणा का अर्थ है मन को देह के भीतर या उसके बाहर किसी स्थान में धारण या स्थापन करना। अपने मन को अपनी इच्छा से अपने ही शरीर के अन्दर किसी एक स्थान में बांधने, रोकने …