मनोलया (रेजिडेंशियल केयर के बच्चों ने ग्रीष्मकालीन अवकाश को मस्ती और सीखने के तरीके में बदला!

मनोलया के बच्चों ने गर्मियों को बनाया यादगार: जब छुट्टियाँ बनीं रचनात्मकता और सहयोग का उत्सव!
जहाँ एक ओर अधिकतर बच्चे गर्मियों की छुट्टियों में अपने घरों में टीवी देखने या माता-पिता के साथ आउटिंग पर जाने में व्यस्त थे, वहीं मनोलया, रेजिडेंशियल सेंटर मनोविकास के बच्चों ने कुछ अलग करने की ठानी। उन्होंने अपने घर न जाकर मनोलया में ही छुट्टियाँ बिताने का फैसला किया — और यही निर्णय उनकी छुट्टियों को एक रचनात्मक, मज़ेदार और यादगार अनुभव में बदल गया।
बच्चों ने बताया कि उन्हें मनोलया अपने घर जैसा लगता है। अपने दोस्तों के साथ रहना, साथ खेलना, बातों और परेशानियों को साझा करना उनकी सबसे बड़ी खुशी है। मनोलया के बच्चों के लिए हर दिन एक उत्सव की तरह होता है।
इन छुट्टियों में बच्चों ने न सिर्फ मनोरंजन किया, बल्कि खुद को शारीरिक, मानसिक और रचनात्मक रूप से भी विकसित किया। उनके कार्यक्रमों में शामिल थीं:
- व्यायाम, योग और नृत्य जैसी शारीरिक गतिविधियाँ
- कला, संगीत और हस्तकला से जुड़ी रचनात्मक गतिविधियाँ
- टीम गेम्स जिनसे उन्होंने सहयोग और टीम वर्क सीखा
- बेकार वस्तुओं से डेकोरेटिव चीज़ें बनाना, जिससे उनकी कल्पनाशक्ति और नवाचार की भावना को बढ़ावा मिला
इन गतिविधियों ने बच्चों में अनुशासन, सहयोग, आत्मविश्वास और सृजनशीलता को निखारा।
मनोलया के बच्चों ने यह साबित कर दिया कि खुशियाँ सिर्फ बाहर घूमने में नहीं, बल्कि मिलकर कुछ नया करने और हर पल को जिंदादिली से जीने में भी होती हैं।
