मानव शरीर की रचना इस संसार में ब्रह्मा से लेकर स्थावर/स्थायी पर्यन्त सभी जाति के प्राणियों के सदा दो-दो शरीर होते हैं। एक तो सूक्ष्म शरीर होता है, जो शीघ्रता पूर्वक सब कार्य करने वाला और सदा चंचल है। दूसरा …
दुख से आनंद की ओर….By Shri. Arvind Sharda ji, Spiritual Speaker Shri. Arvind Sharda, Founder Turning Pain Into Pleasure Health Sapphire, Motivational Speaker दुःख हम सबके जीवन में है। गरीब हो अमीर हो बलवान हो या प्रधानमंत्री कोई भी दुख …
Madhumita Basu Many participants join Sachetan and everyone has got to see changes in their lives, but in Sachetan there is one participant whose life has seen regular changes. Madhumita Basu, a 16 years old girl regularly participates in Sachetan. …
श्री वशिष्ठ जी कहते हैं- रघुनन्दन! इस संसार में ब्रह्मा से लेकर स्थावर/स्थायी पर्यन्त सभी जाति के प्राणियों के सदा दो-दो शरीर होते हैं। एक तो मनोमय शरीर होता है, जो शीघ्रता पूर्वक सब कार्य करने वाला और सदा चंचल …
जीवन (अंग्रेजी: Life) अर्थात हमारे जन्म से मृत्यु के बीच की कालावधि ही जीवन कहलाती है, जो की हमें ईश्वर द्वारा दिया गया एक वरदान है। लेकिन हमारा जन्म क्या हमारी इच्छा से होता है? नहीं, यह तो मात्र नर …
सभी मनुष्यों की श्रद्धा उनके मन की प्रकृति के अनुरूप होती है। सभी लोगों में श्रद्धा होती है चाहे उनकी श्रद्धी की प्रकृति कैसी भी हो। यह वैसी होती है जो वे वास्तव में है।पारितोषिक की अपेक्षा किए बिना और …