सभी मनुष्यों की श्रद्धा उनके मन की प्रकृति के अनुरूप होती है। सभी लोगों में श्रद्धा होती है चाहे उनकी श्रद्धी की प्रकृति कैसी भी हो। यह वैसी होती है जो वे वास्तव में है।पारितोषिक की अपेक्षा किए बिना और …
प्रकृति में त्रिविध गुण के प्रभाव को आपके द्वारा किए जाने वाले पूजा, सधना, यज्ञ, तप, त्याग, दान, ज्ञान और भोजन आदि में विविधता को समझ सकते हैं और इसका पता लगा सकते हैं। जब आप देवताओं का पूजन या …
प्रकृति अर्थात् ‘प्र = विशेष’ और ‘कृति = किया गया’। स्वाभाविक की गई चीज़ नहीं विशेष रूप से की गई चीज़, ही प्रकृति है। प्रकृति का अर्थ सामान्यतः प्रकृति से हमारा तात्पर्य हमारे चारों ओर बिखरे नैसर्गिंक वातावरण, जिसे छंजनतम …
जीवन यानी जी और वन का मिलन। जी का मतलब प्राण और वन का मतलब प्रकृति। जब प्राण और प्रकृति का संयोग होता है तब जीवन प्रारंभ होता है। इस सृष्टि में दो मूलभूत तत्व हैं एक पुरुष तथा दूसरा …
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आधुनिक विज्ञान के सामने यह साबित हो रहा है की यह सारा अस्तित्व पलभर है। जहां कम्पन होता है वहां ध्वनि होती है। इसलिए यह सारा अस्तित्व एक ध्वनि है। ध्वनियों के इस जटिल संगम की मूल ध्वनि है अ …