अमन
अमन के परिवार में इसकी माँ और एक बडा भाई है जिसको अमन की ही तरह आटिस्म है। अमन को तो नशीले पदार्थों के सेवन का लत भी लग गया था।
माँ अपने दो-दो विशेष बेटे को एक साथ रखने में आस्मर्थता महसूस करने लगी थी और मनोविकास स्वतंत्र जीवनकला केन्द्र के छात्रावास में अमन का दाखिला करवा दिया।
अमन धीरे-धीरे प्रशिक्षण के बाद हर क्रियाकलापों पर प्रतिक्रिया करने लगा और नशीले पदार्थ का सेवन भी करना छोड दिया है । अब अमन स्वयं के दैनिक कार्यों में निपुणता हाशिल कर लिया है।
छात्रावास में सभी के साथ मिल कर रहना उसको पसंद है। अमन की माँ जब उसे छुट्टियों में घर ले जाती है तो अमन घर पर भी आटिस्म जैसे व्यवहार करना कम कर दिया है।