जीवन यानी जी और वन का मिलन। जी का मतलब प्राण और वन का मतलब प्रकृति। जब प्राण और प्रकृति का संयोग होता है तब जीवन प्रारंभ होता है। इस सृष्टि में दो मूलभूत तत्व हैं एक पुरुष तथा दूसरा …
आधुनिक विज्ञान के सामने यह साबित हो रहा है की यह सारा अस्तित्व पलभर है। जहां कम्पन होता है वहां ध्वनि होती है। इसलिए यह सारा अस्तित्व एक ध्वनि है। ध्वनियों के इस जटिल संगम की मूल ध्वनि है अ …
साधनपाद में योग के पांच बहिरंग साधन यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार बतलाये गए थे। इस पाद में उसके अन्तरङ्ग धारणा , ध्यान, समाधि का निरूपण करते हैं। इन तीनों को मिलकर संयम कहा जाता है। वह ध्यान ही समाधि …
स्वामी विवेकानन्द के अनुसार धारणा का अर्थ है मन को देह के भीतर या उसके बाहर किसी स्थान में धारण या स्थापन करना। अपने मन को अपनी इच्छा से अपने ही शरीर के अन्दर किसी एक स्थान में बांधने, रोकने …
The practice of dharana leads to the formation of a goal or objective. धारणा के अभ्यास से ध्येय यानी लक्ष्य या उद्देश्य बनता है धारणा हमारी एक एकीकृत दृष्टिकोण है। किसी की भावनाओं, विचारों और शारीरिक संवेदनाओं को शांतिपूर्वक स्वीकार …